श्रीरामकृष्ण के अन्तरंग संन्यासी शिष्य स्वामी विज्ञानानन्द महाराज के संन्यासियों और अन्य भक्तों के संस्मरणों के संकलन का हिन्दी अनुवाद पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष हो रहा है। हिन्दी में स्वामी विज्ञानानन्दजी विषयक तीन पुस्तकें उपलब्ध है, लेकिन उनमें उनके संस्मरण नहीं है। अत: हमने यह उचित समझा कि उनका अनुवाद छापा जाय।।
संकलनकर्ता-द्वय ने अपनी ‘भूमिका’ में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि लेखों को सजाने में कोई नियम अथवा क्रम-बद्धता का पालन नहीं किया गया है। जैसे जैसे लेख आते गये वैसे वैसे उन्हें सजा दिया गया। प्रथम संस्करण के बाद ३६ वर्षों में बंगाली पुस्तक के दो पुनर्मुद्रण हुए हैं, लेकिन इसके लेखों को नये सिरे से पुनः सजाने का कोई प्रयल नहीं किया गया है। हमने इस संकलन में पहले संन्यासियों के, और बाद में गृहस्थ भक्तों के संस्मरण सजाये हैं।
मूल बंगाली पुस्तक की भूमिका में संकलनकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया है कि संपादन में बहुत सी त्रुटियाँ रह गयी है। इनका एक कारण यह है कि इसमें संस्मरण भेजने वालों की भाषा और लेखन शैलियाँ भित्र हैं। किसी ने आध्यात्मिक जीवन पर एक लेख सा लिखकर उसमें। दो चार संस्मरण डाल दिये हैं। किसी ने स्वामी विज्ञानानन्दजी की संक्षिप्त जीवनी ही लिख दी है। अतः अनुवादक स्वामी ब्रह्मेशानन्द ने इन विभिन्न लेखों को थोडा-बहुत संपादित किया है, जिससे समरसता आ सके।
Swami Vijnanananda Pratyaskha Darshiyo ke Sansmaran
2$
Swami Brahmeshananda
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SKU: NDH022
Categories: Books, Monastic Disciples of Ramakrishna, Ramakrishna Math, Nagpur
Description
Additional information
Weight | 182 g |
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Author/By | Swami Brahmeshananda |
Binding | Paperback |
ISBN | 9788195237180 |
Language | Hindi |
No. of Pages | 214 |
Publisher | Ramakrishna Math, Nagpur |
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