A short life of Holy Mother with some of her teachings.
आध्यात्मिकता को व्यवहार में कैसे रूपायित किया जाए, श्रीमाँ सारदा देवी का जीवन इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था – ‘उनके जीवन तथा उपदेशों द्वारा प्रदर्शित आदर्श, न केवल भारतीय नारियों की मुक्ति के प्रयासों को एक आध्यात्मिक आधार प्रदान करेंगे, अपितु पूरे विश्व की नारियों के मन-प्राण को प्रभावित करके उनमें अपना स्थान बना लेंगे।’१ श्री सारदा देवी ने किसी वन या गुफा में नहीं, अपितु एक साधारण से घर में निवास किया, जहाँ सुख और दुःख, बीमारियाँ और शोक की घटनाएं होती रहती हैं। वे विपरीत परिस्थितियों और समस्याओं के बीच जीवन व्यतीत करते हुए भिन्न-भिन्न स्वभाव के लोगों से मिलती रहीं। फिर भी वे हमेशा अपनी मानसिक शान्ति बनाए रखकर आध्यात्मिक प्रेरणा-स्रोत के रूप में सबकी सेवा में तत्पर रहीं, चाहे व्यक्ति किसी भी वर्ग, जाति या सामाजिक स्तर का क्यों न रहे ।
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