Volume 1 of 5 Hindi translation of Pictorial Mahabharata.Translated by Swami Videhatmananda
प्राचीन भारत में राजाओं के दो वंश थे- सूर्यवंश और चन्द्रवंश। कुरु चन्द्रवंश के प्रसिट राजा थे, अत: उनके सभी वंशज कौरव कहलाए। महाराज कुरु को अनेक पीढ़ियों बाद उनके कुल में धृतराष्ट्र तथा पाण्डु नाग के दो भाई उत्पन्न हुए। यद्यपि इन दोनों के पुत्र वस्तुतः कौरव ही थे, परन्तु बाद में क्रमश: यह शब्द केवल वृतराष्ट्र के पुत्रों के लिये उपयोग किया जाने लगा और पाण्डके पुत्र अपने विशिष्ट पापडव नाम से विख्यात्त हुए। कुरुवंश के साम्राज्य के उत्तराधिकार को लेकर कौरतो तन पाण्डवों के बीच एक ऐतिहासिक युद्ध हुआ। यह युद्ध और जिन परिस्थितियों के कारण क्रमशः इस युद्ध की भूमिका बनी, यही इस ‘महाभारत’ ग्रन्थ की मुख्य विषय-वस्तु है। कथा के वर्णन के दौरान धर्म, नैतिकता, भक्ति तथा आध्यात्मिक विषयों पर अनेक मूल्यवान शिक्षा, ‘भो प्राप्त होती है। श्रीकृष्णा द्वारा कथित सुप्रसिद्ध ‘गीता भी ऐसी ही शिक्षाओं का एक उदाहरण है। अब हम कथा को आरम्भ करते है।
Reviews
There are no reviews yet.