A short biography of Netaji Subhash Chandra Bose, showing how he was inspired by Swami Vivekananda’s ideals, and how he tried to give them practical shape in his intensely patriotic and heroic life.
Buy EBookभारतीय स्वाधीनता के विराट यज्ञ में जिन महान विभूतियों ने अपना तन-मन-धन न्यौछावर कर दिया, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ऐसे अग्रगण्य लोगों में अन्यतम थे थे। आज भी देश की उन्नति तथा अग्रगति के लिए ऐसे असंख्य युवकों की आवश्यकता है, जो पूर्ण नि:स्वार्थ भाव से राष्ट्र-हित में अपना सर्वस्व बलिदान करने को प्रस्तुत हों। नेताजी को ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ अपना सम्पूर्ण जीवन होम कर देने की प्रेरणा स्वामी विवेकानन्द से ही मिली थी। यद्यपि वे स्वामीजी से साक्षात् मिल नहीं सके थे, तथापि भावरूप में मानो वे उन्हीं के द्वारा ‘अग्निमंत्र’ में दीक्षित हुए थे। नेताजी का जीवन और व्यक्तित्व आज भी देश के कोटि-कोटि नवयुवकों के समक्ष एक आलोक-स्तम्भ की भाँति दण्डायमान होकर अजस्र प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। लेखक ने अपने अनेक वर्षों के शोध पर आधारित इस प्रबन्ध में दिखाया है कि किस प्रकार उनके सशक्त व्यक्तित्व के गठन में स्वामी विवेकानन के विचारों का एक अति महत्त्वपूर्ण योगदान था। इस बम के अनुशीलन से इस बात का भी स्पट मोच होगा कि मेताजी के साहस तथा वीरतापूर्ण जीवन की पृष्ठभूमि में आदि से अन्त तक ‘विवेकानन्द पेरणा’ निरन्तर पार्थ-संगीत के समान बजती रही। यह प्रबन्ध हमारे एक अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशन ‘स्वामी विवेकानन्द और उनका अवदान’ के एक अध्याय के रूप में पहले ही प्रकाशित हो चुका है। अब इसे एक पृथक् पुस्तिका के रूप में इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है, ताकि यह सर्वसुलभ हो सके और देश का युवावर्ग इसे पड़कर इसमें निहित आदर्शों को अपने जीवन में रूपायित करने में प्रयासी हो। पुस्तक में नेताजी के चित्र छापने की अनुमति प्रदान करने के लिए हम नेताजी रिसर्च ब्यूरो के आभारी हैं।
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